हिमानी शिवपुरी: जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर में शाहरूख खान मेरा मजबूत सहारा बने
दिग्गज अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी को उनकी अभिनय क्षमता और भारतीय सिनेमा एवं टेलीविजन में विविधतापूर्ण भूमिकाओं के लिये जाना जाता है। वह फिलहाल एण्डटीवी के घरेलू काॅमेडी शो ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में चतुर और प्यारी कटोरी अम्मा के रूप में दर्शकों का दिल जीत रही हैं। इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने एन्टरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपने चार-दशक लंबे सफर के बारे में बताया, जिसमें व्यक्तिगत दुर्घटनाओं से लेकर कॅरियर में मिली उपलब्धियों तक शामिल है, जो उनकी सहनशीलता और अभिनय के प्रति जुनून को दर्शाती हैं।
आपने इंडस्ट्री में 40 साल पूरे कर लिये हैं। अपने सफर के बारे में हमें कुछ बतायें।
मेरा सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, जो मुझे बहुत सी महत्वपूर्ण बातें सिखाता रहा। मुझे इस इंडस्ट्री के सबसे प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। हर भूमिका मेरे लिए एक कदम आगे बढ़ने जैसी रही है, और जो प्यार मुझे दर्शकों से मिलता है, वही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। हालांकि, मेरी सफलता की राह आसान नहीं रही। देहरादून से होने के नाते, मुझे आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा और अच्छे रोल्स के लिए सीमित अवसर मिले। कई बार ऐसे पल भी आये, जब मुझे खुद पर संदेह हुआ, लेकिन अभिनय के प्रति मेरी दीवानगी ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
आपके कॅरियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय कौन साथ था?
मेरे कॅरियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय वह था जब मैं फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे‘ की शूटिंग कर रही थी। उस दौरान, मुझे एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति हुई - मैंने अपने पति को खो दिया, और मुझे अपने बेटे का अकेले पालन-पोषण करना था। यह दुख असहनीय था, लेकिन मुझे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाना था। उन कठिन दिनों में, शाहरुख़ ख़ान मेरे लिए एक मजबूत सहारा बनकर आए। वह हमेशा मजाक करते रहते, हल्के-फुल्के बातों में मुझे शामिल करते, ताकि मैं अकेला महसूस न करूं। यश चोपड़ा जी और पामेला चोपड़ा भी काफी सपोर्टिव थे। मुझे आज भी याद है जब यश जी ने मुझसे कहा, “तुम जितना समय चाहो ले सकती हो, हम तुम्हारे साथ हैं।” उनकी यह सहानुभूति मेरे लिए बहुत मायने रखती थी। उस दर्द के बावजूद, मैंने अपने काम में ताकत पाई। मैं ब्रेक नहीं ले नहीं ले सकती थी और साथ ही मेरे बेटे को भी मेरी ज़रूरत थी: मुझे भावनात्मक और आर्थिक दोनों रूप से मजबूत रहना था। उस समय ने मुझे सहनशीलता और समर्पण की शक्ति का अहसास कराया।
आपने स्क्रीन पर मां का किरदार बहुत कम उम्र में ही निभाना शुरू कर दिया था। क्या यह एक सोची-समझी योजना थी?
मैंने कॅरियर की शुरुआत में मां का किरदार निभाने का निर्णय किसी खास योजना के तहत नहीं लिया था, लेकिन यह मेरी यात्रा का अहम हिस्सा बन गया। बॉलीवुड में अक्सर अभिनेताओं को दो श्रेणियों में बांट दिया जाता है - ग्लैमरस लीड या कैरेक्टर आर्टिस्ट। मैंने अपने लिए मजबूत और लोगों से जुड़े हुए किरदारों में अपनी जगह बनाई। मुझे लगता है कि इन भूमिकाओं ने मेरे कॅरियर को लंबा और स्थिर बनाया। मां का किरदार हमेशा अहम और हर किसी से जुड़ा हुआ होता है, जिससे मुझे एक अभिनेता के रूप में अपनी गहराई और विविधता को दिखाने का मौका मिलता है।
आपकी निरंतर ऊर्जा का राज क्या है?
अभिनय हमेशा मेरी पसंद रही है, और यही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए मैं योग करती हूं, हेल्दी खाने की आदतें अपनाती हूं, और जब भी मौका मिलता है, यात्रा करती हूं। यात्रा खासकर मुझे ताजगी देती है और मेरा नजरिया नया बनाए रखती है।
टेलीविजन पर काॅमेडी शो में काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा है?
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ कटोरी अम्मा के अपने किरदार के साथ मैंने सिटकाॅम में कदम रखना, जिसकी एक अनूठी एनर्जी है। लोगों को हंसाना एक संतोषप्रद चुनौती है। मेरे किरदार को लोगों ने बहुत पसंद किया। दर्शक अक्सर मुझे बताते हैं कि उन्हें कटोरी अम्मा में अपनी मां या सास की झलक दिखाई देती है, और ये सुनकर दिल खुश हो जाता है। एक बार एक बुजुर्ग महिला ने मुझे बताया कि उसने शो देखने के बाद अपने दामाद को ‘हप्पू‘ बुलाना शुरू कर दिया और अपनी बहुओं को मजेदार उपनाम दे दिए। ऐसे पल मुझे याद दिलाते हैं कि मुझे जो काम करना अच्छा लगता है, उसका असली कारण यही है कि -यह लोगों की ज़िन्दगी में खुशी लाता है।‘
हिमानी शिवपुरी को कटोरी अम्मा के रूप में देखिये
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!